आज के इस माहौल में जहा दिन प्रतिदिन कुछ मूर्ख लोग धर्म के नाम पर लोगो को बाटने और तोड़ने में लगे है उसी बीच मे एक ऐसे जगह का नाम लोगो के जहन में आता है मगहर मगहर संत कबीर नगर जिले में स्थित एक अस्थान है जहाँ पर संत कबीर की समाधि भी है और मज़ार भी । लोगो को सुनकर आश्चर्य महसूस होगा लेकिन ये सत्य है। अगर मैं कहु की ये विस्व पटेल पर एकलौता ऐसा स्थान है जहाँ मंदिर और मस्जिद आमने सामने है तो कोई अतिशयोक्ति नही होगा। दिलो को तस्सली देता और लोगो को इंसनियक्त की रख दिखता मगहर विस्व विख्यात स्थान है लेकिन बहुत पीड़ा होती है जब भी मगहर के उस ऐतिहासिक स्थान को देखता हूं कोई भी सकरकर उसके जिर्दीधार में रुचि नकहि लेती ,मगहर के पास से ही निकलती आमी नदी नाले में तक़ब्दिल हो गयी ,राजनेता आमी नदी पीकर रकजनीति करते हुए सत्तासीन होते है लेकिन बाद में वो उसके महत्व को भूल जाते है। मगहर विस्व विरासत है इसका संरक्षण अनिवार्य है जब बस्ती औऱ सिद्धार्थ नगर जिले के कुछ हिस्से तोड़ कर नया जिला बनाया गया तोह सरकार भी संत कबीर से अच्छा कोई भी विकल्प नही लगा जिला को उनके नाम पर नामित करने का।
Mehdawal Sant Kabir Nagar हिंदुस्तान 29 राज्य व 7 केन्द्र शासित प्रदेश से मिलकर बना एक अखण्ड एवं प्रगतिशील देश है। जिसमे से एक प्रमुख राज्य उत्तरप्रदेश है। उत्तर प्रदेश 75 जिलो से मिलकर बना हिंदुस्तान का सबसे बड़ा राज्य है। उत्तरप्रदेश में एक जिला संतकबीर नगर है । जो 2007 में जिले के रूप में अस्तित्व में आया था। मेहदावल संत कबीर नगर जिला का एक विधानसभा क्षेत्र है जो खलीलाबाद से लगभग 24 किलोमीटर दूरी पर स्थित भू-भाग है। जिसकी कुल आबादी 27897 (2011 की जनगणना के अनुसार) है। यह कि प्रमुख भाषा हिंदी और उर्दू है। 2011 की जनगणना के अनुसार मेहदावल में 14390 पुरुष एवं 13507 महिलाये है। मेहदावल की साक्षरता दर 66.84 है जो की प्रदेश की साक्षरता दर 67.68 से कम है। मेहदावल में पुरुष साक्षरता दर 75.04 एवं महिला साक्षरता दर 58.17 है मेहदावल की 16.26℅ जनसंख्या 6 वर्ष की उम्र से कम है। वैसे तो सबको अपना जन्मस्थान पूरे जगत में सबसे प्यारा होता है किसी ने सही कहा है ‘जननी-जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी’ अर्थात् जननी (माता) और जन्मभूमि का स्थान स्वर्ग से भी श्रेष्ठ एवं महा...